आईपीडीएस योजना के तहत हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में भूमिगत केब्लिंग की परियोजना का हुआ शुभारंभ।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक,विधायक प्रदीप बत्रा रहे मौजूद।

हरिद्वार।आज रिशिकुल आयुर्वेदिक महाविध्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार की आईपीडीएस योजना के अंतर्गत पीएफसी द्वारा वित्त पोषित यूपीसीएल द्वारा सम्पादित हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केब्लिंग की परियोजना का शुभारंभ हुआ।

आपको बता दें की Integrated Power Development Scheme (IPDS)” बिजली मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से भारत के शहरी क्षेत्रों में पॉवर ट्रांसमिशन और सबमिशन नेटवर्क में खामियों को दूर करना है। इसके बाद, सरकार का लक्ष्य एटी एंड सी / AT&C घाटे के आंकड़ों को नीचे लाना और आईटी-सक्षम ऊर्जा लेखांकन / लेखा परीक्षा प्रणाली – IT-Enabled Energy Accounting/Auditing System को लागू करना, मीटर की खपत पर आधारित ऊर्जा में सुधार और संग्रह दक्षता में सुधार करना है।भारत में एटी एंड सी के नुकसान के आंकड़े चिंताजनक रूप से अधिक हैं। यह दुनिया मे सबसे अधिक ऊंचे आंकड़ों में से एक है। सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा जम्मू-कश्मीर में 61% और भारत के कुछ अन्य राज्यों (2014-15) में 50% से अधिक है। हालांकि यह आंकड़ा केवल कुछ राज्यों में उच्च है, जो दूरस्थ और अविकसित हैं, फिर भी, भारत के किसी भी राज्य में एटी एंड सी घाटे में कुल बिजली का कम से कम 20% बर्बाद हो जाता है। सरकार द्वारा यह माना गया है कि इन हानियों में प्लग करने और राज्यों के राजस्व में वृद्धि करने के लिए एक समर्पित योजना की आवश्यकता है, साथ ही साथ उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध शक्ति में भी वृद्धि होगी।

इस भारत सरकार की इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम या एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) / Integrated Power Development Scheme (IPDS) के अंतर्गत निम्नलिखित कदम उठाये गए हैं जो काफी लाभप्रद हैं।

1:- उप-पारेषण और वितरण नेटवर्क को मजबूत करना।

  • मौजूदा सबस्टेशन और लाइनों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण।
  • नए वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना।
  • नए सबस्टेशन का निर्माण।
  • चोरी-प्रवण क्षेत्रों में एरियल बंचेड केबल्स।
  • उच्च वोल्टेज वितरण प्रणाली

2:- मीटरिंग प्रणाली

  • फीडर, वितरण ट्रांसफार्मर और ग्राहकों की सभी श्रेणियों के लिए स्थैतिक मीटर की स्थापना।
  • दोषपूर्ण और विद्युत-यांत्रिक मीटर का प्रतिस्थापन।
  • ग्राहकों के परिसर के बाहर मीटरों का स्थानांतरण।

3:- वितरण क्षेत्र की आईटी सक्षमता और वितरण नेटवर्क को मजबूत करना

4:- राष्ट्रीय विद्युत वितरण हब की स्थापना

5:- ऑप्टिकल फाइबर लापता लिंक का समापन।

6:- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।

7:- सौर पैनलों की व्यवस्था।

इसका लोकार्पण उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तिरथ सिंह रावत व श्री आर.के.सिंह(केंद्रीय ऊर्जा मंत्री,स्वतंत्र प्रभार) द्वारा किया गया। इसकी अध्यक्षता डा०रमेश पोखरियाल निशंक(केंद्रीय शिक्षा मंत्री) द्वारा की गयी। इस अवसर पर उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक,रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम में दीपक रावत(मेला अधिकारी),सी.रविशंकर(डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट,हरिद्वार₹,राधिका झा(सचिव,ऊर्जा विभाग,उत्तराखंड),डा०नीरज खैरवल(प्रबंध निदेशक,उत्तराखंड पावर कॉर्परेशन लिमिटेड) मौजूद रहे।

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