कौशल विकास योजना केवल जेब में रुपए भरना नहीं बल्कि गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है :विधायक प्रदीप बत्रा । सेल्फ़ एमलोयड टेलर कार्यक्रम का किया उद्घाटन।

रूड़की।आज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम द्वारा सेल्फ़ एमलोयड टेलर पर आधारित उधमिता कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन हुआ।इस कार्यक्रम  के तहत ३ माह सेल्फ एंप्लॉयड टेलर का प्रशिक्षण दिए जाने हेतु  प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन नगर विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया की आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित सहायता समूह के लगभग 50 महिलाओं को सेल्फ एंप्लॉयड टेलर के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिए जाने हेतु कौशल विकास मिशन को यह जिम्मेदारी दी गई है जिसके तहत 50 महिलाओं को सिलाई मशीन दी गयी।कुछ सफल प्रशिक्षणार्थी को कौशल विकास का प्रमाण पत्र भी दिया गया।

इस अवसर पर प्रबंधक द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में लगभग हज़ार ड्रेस बनाने का कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है समूह की महिलाएं परंपरागत रूप से सिलाई का कार्य करते आ रही हैं कौशल विकास मिशन के इस अल्पावधि अथवा ब्रिज कोर्स के माध्यम से इनका प्रशिक्षण होने से इनके कार्य में और निपुणता आएगी साथ ही इनको आजीविका के और नए संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।इस अवसर पर नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा की इस योजना के तहत गरीबी के कारण जो बच्चों उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं उनके अंदर छिपे कौशल को विकसित करना है।योजनाबद्ध तरीके से गरीबी और गरीब जवानों को संगठित करके उनके कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित करके गरीबी का उन्मूलन करना। सभी राज्य और संघ राज्य को संगठित करके आई.आई.टी की कार्यों के माध्यम से दुनिया में स्वयं को स्थापित करना है। गरीबी को दूर करने के साथ-साथ गरीब लोगों के परिवारों तथा युवाओं में नया सामर्थ भर के आगे बढ़ाने का आत्मविश्वास लाना तथा देश में नई ऊर्जा लाने का प्रयास करना।

आपको बता दें की इस योजना का लक्ष्य भारत में तकनीकी शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाकर उसे विश्व मांग के अनुरूप ढालना है। इस योजना की घोषणा के समय पीएम मोदी ने भाषण देते हुए कहा था कि भारत में परंपरागत शिक्षण पाठ्यक्रम प्रचलन से जिससे कि हम विश्व में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के साथ अपने आप को गतिशील नहीं बना पाए हैं। ओर आज भी बेरोजगार है। इसके लिए आवश्यक है, कि हम अपने पाठ्यक्रम में विश्व मांग के अनुसार बदलाव लाये, आने वाले दशकों में किस तरह के कौशल की मांग सबसे अधिक की जाएंगी। उसका अध्ययन करके अपने देश मे उस अध्ययन का निष्कर्ष के अनुसार यदि युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे तो भारत के युवाओं को रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिलेंगे। इस तरह कौशल विकास योजना भारत देश के लिए एक आंदोलन ना होकर एक कार्यक्रम है।कौशल विकास योजना केवल जेब में रुपए भरना है ऐसा नहीं बल्कि गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है।

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