रूड़की।नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने विजयदशमी पर सभी देशवासियों-क्षेत्रवसियों को शुभकामनाए दीं। उन्होंने कहा कि भीतर के रावण को जो स्वयं आग लगाएंगे, सही मायने में वे ही दशहरा मनाएंगे।दशहरा या विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, वहीं भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। आज के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है, इसलिए ही दशहरा के दिन रावण के पुतलों को जलाने की परंपरा है। रावण के पुतलों का दहन करने में एक संदेश छिपा होता है कि व्यक्ति को स्वयं के अंदर की बुराइयों पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। अपने अंदर की बुराइयों को नष्ट करना चाहिए। हर वर्ष दशहरे के दिन गली-महोल्ले में रावण बनाया जाता है और उसका वध किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते शायद ऐसा न हो पाए।
आपको बता दें की हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का उत्सव मनाया जाता है। दशहरा को कहीं पर विजयादशमी या आयुधपूजा के नाम से जाना जाता है। विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध कर किया था जिसकी खुशी में हर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।