
रूड़की। कांवड़ पटरी के दुकानदारों को लगा झटका,रोज़ी रोटी कमाने वाले अस्थाई दकंदरो हुए निराश। बुधवार से कांवड़ यात्रा को हाइवे पर डाईवर्ट कर दिया गया है जिस कारण कावड पटरी पर अस्थाई रूप से लगाई हुई दुकाने पर रोज़गार ठप हो गया है। 17 जुलाई से कावड यात्रा शुरू होने से पूर्व कांवड पटरी पर धनोरि से रूड़की तक कयी लोगों ने रोज़गार करने को लेके अस्थाई दुकाने लगाई थी।कावड़ यात्रा के चर्म पे आते ही ज़िला व पुलिस प्रशासन भीड़ को देख कावड़यात्रा को हाइवे पर डाईवर्ट कर दिया गया है। इस फ़ेसले से कावड़ पटरी पर सन्नाटा छा गया है। अब इक्का दुक्का ही कावड़ीया यहाँ से गुज़र रहा है। अस्थाई दुकानदारों का कहना है की हर वर्ष कावड़ यात्रा कावड़ पटरी पर आख़िर तक चलती है लेकिन इस बार चार दिन पहले ही रूट हाइवे पे डाईवर्ट कर दिया गया है जिससे कावड़ पटरी सुनी पड़ी है और रोज़ी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
वरिष्ठ व्यापारी नेता नवीन गुलाटी का कहना है की नए ट्रैफ़िक प्लान से पूरे शहर में अव्यवस्था हो गयी है। गंगनहर पटरी पे कावड़ शिविर और दुकान लगाने के लिए प्रशासन से 28 जुलाई तक के लिए अनुमति ली थी। इसके अलावा बिजली के कनेक्शन और औपचारिकता पूरी करने में कयी दिन काँग गए थे। लेकिन इस बार पुलिस प्रशासन ने 4 दिन पहले ही कावड़ यात्रियों के लिए हाइवे खोल दिया। जिसके चलते कावड़ शिविर संचालको के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है।
उन्हें अब नए सिरे से हाइवे पे कावड़ यात्रियों के लिए शिविर लगाने होंगे इसके लिए नए सिरे से पोलीस प्रशासन की अनुमति,बिजली के कनेक्शन आदि के लिए आवेदन करना होगा जो एक दो दिन में सम्भव नहीं है। यदि समय पे दुकाने और शिविर शिफ़्ट नहीं किए गए तो कावड़ यात्रियों के लिए खाने-पीने,रहने का संकट पड़ जाएगा
अस्थाई दुकानदार भूरा, देशराज, महिपाल, राजकुमार ,महेश, अनूप, आदेश, मोहित, शौक़ीन आदि ने इस दौरान आपबीती सुनाई और प्रशासन से जल्द से जल्द इसका निस्तारण करने का आग्रह किया।