
रूड़की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ समेत कई शहरों की 6 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया।उन्होंने विस्तार से ये बताया गया है कि गंगा किस तरह हमारे सांस्कृतिक वैभव, आस्था और विरासत का बहुत बड़ा प्रतीक है।उन्होंने कहा कि आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, इनके लिए मैं उत्तराखंड के सभी लोगों को बहुत बधाई देता।उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं।इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है।बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे।लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता।अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती।लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े।हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया।पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू कियादूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें।तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5,000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना।चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना। आज सरकार के इस चौतरफा काम का परिणाम हम सब देख रहे हैं। आज नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है।उत्तराखंड में तो स्थिति ये थी कि गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से अधिक नाले गंगा जी मे गिरते थे।आज इन नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है।प्रयागराज कुंभ में गंगा जी की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था।अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है।अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा।ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है।आज से यहां देश का पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो चुका है।हरिद्वार में भी ऐसे 20 से अधिक नालों को बंद किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नमामी गंगे अभियान को अब नये स्तर पर ले जाया जा रहा है। गंगा जी के स्वच्छता के अलावा अब गंगा जी से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है। सरकार द्वारा उत्तराखंड के साथ ही सभी राज्य के लोगों को जैविक खेती से जोड़ने की योजना बनाई गई है।आज पैसा न पानी की तरह बहता है, न पानी में बहता है। पैसे की पाई-पाई पानी पर लगाई जाती है।हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था।देश में पानी से जुड़ी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया।पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ ये मंत्रालय आज हर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है।आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है।सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है।
उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है।उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना काल के बीच भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में करीब 50 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।