शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा अटल ई-समवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन।वर्चूअल क्लासरूम के माध्यम से विधायक प्रदीप बत्रा से कोरोना काल में चुनौती को स्वीकार करते हुए शिक्षा के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा।

रूड़की अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन के अलावा कोरोना वायरस ने जिस चीज को सर्वाधिक प्रभावित किया है वह है शिक्षा व्यवस्था और पठनपाठन। स्कूली से लेकर उच्च स्तरीय शिक्षा लगभग ठपहो गई है। हालांकि कुछ स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालयों ने जूम,गूगल क्लासरूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, स्काइप जैसे प्लेटफॉर्मों के साथसाथ यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण का विकल्प अपनाया है, जो इस संकटकाल में एकमात्र रास्ता है।

कोरोना वायरस का असर सभी क्षेत्रों में पड़ा है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं है। इसी संबंध में आज सुबह राजकीय उच्चतर माध्यमिक विध्यालय,रामनगर,रूड़की में नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने वर्चूअल क्लासरूम के माध्यम से आयोजित हुएअटल जनता दरबारकार्यक्रम,में शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पांडेय द्वारा विधायक प्रदीप बत्रा से समवाद किया गया जिसमें कोरोना के चलते वैकल्पिक तौर पर ऑनलाइन शिक्षा एक जरूरत है, कोरोना का शिक्षा पर असर विषय पे चर्चा की।कोरोना काल में शिक्षण संस्थाओं के समक्ष चुनौतियां पर इस सेमिनार द्वारा प्रकाश डाला गया

इस अवसर पर मुख्य वक्ता मंत्री अरविंद पांडेय ने स्व आधारित जीवन पद्धति, स्वदेशी का अनुकरण, युवा पीढ़ी को कुछ नया ढूंढने का विकल्प सहित अन्य मुद्दो पर बात की। उन्होंने कहा कि इस कोरोना कि चुनौती को स्वीकार करते हुए नए रास्ते ढूंढने होंगें। ऑनलाइन शिक्षा के लिए शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। भविष्य के संकट से मुकाबले के लिए नए नायक खोजना होगा।अपने में सामर्थ का विकास और राष्ट्र की सुरक्षा हो इसकी चिंता इस शिक्षा सत्र में हो।

विधायक बत्रा ने कुछ खास बिंदुओं कोरोना महामारी के बाद सामान्य स्थिति आने के बीच संस्थाओं को कैसे खोलना है, इस बारे में अभी चिंतन करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि समय के साथ बदलने की आवश्यकता है।डिजिटलाइजेशन आज समय की मांगहै।

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