
रुड़की।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ प्रभावित लक्सर और हरिद्वार का जायजा लेने ट्रैक्टर से पहुंचे। बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए सीएम धामी नाव पर भी सवार होकर लोगों के बीच पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनीं।
लोगों की समस्याएं जानने ट्रैक्टर से पहुंचे सीएम धामी
सीएम धामी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्वीट कर रहा कि लक्सर (हरिद्वार) के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का ट्रैक्टर और नाव की सहायता से स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें राहत कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु आश्वासन दिया।
साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाते हुए प्रभावित लोगों की सुरक्षा, आवास, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन कर मुआवजा प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए।
राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
सीएम ऑफिस से बताया गया कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर के माध्यम से ग्रामीण एवं जलमग्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों को राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, आवास, भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। बचाव एवं राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें, टूटे हुए पुल एवं जल से घिरे घरों का जायज़ा लिया।
किसानों के फसल नुकसान होने पर मिलेगा मुआवजा
सीएम ने कहा कि राहत शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था हो, जिसमें भोजन, पानी, दवाइयां एवं साफ-सफाई की सुविधाएं उपलब्ध हों। जिन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की आवश्यकता है, उन्हें तत्काल स्थानांतरित किया जाए। किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन कर मुआवजा प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए। आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य शिविर स्थापित कर चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।