महारानी अहिल्याबाई होलकर जयंती और वीर सावरकर जयंती पखवाड़ा उत्सव आयोजित।विधायक प्रदीप बत्रा ने मातृशक्ति को किया सम्मानित

रुड़की।भारत रक्षा मंच द्वारा महारानी अहिल्याबाई होलकर जयंती और वीर सावरकर जयंती पखवाड़ा उत्सव पर सोमवार को एक होटल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां नगर विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा मातृशक्ति को सम्मानित किया गया। आपको बता दें यह मंच देश और उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में अहिल्याबाई होलकर और वीर सारवकर जयंती पर संगोष्ठी आयोजित कर रहा है। सोमवार को शाम पांच बजे रुड़की के सिविल लाइंस स्थित एक होटल में वीर सावरकर जयंती की पूर्व संध्या पर सम्मान समारोह संगोष्ठी आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य तौर पर मंच के प्रदेश संयोजक संगठन मंत्री आशीष वाजपेयी, प्रदेश महामंत्री विपुल गुप्ता, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य हरिद्वार जिला महिला प्रकोष्ठ रश्मि चौधरी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और मातृशक्ति की उपस्थिति रही। संगोष्ठी में वीर महापुरुषों के जीवन चरित्र का वर्णन करने के साथ मंच की कार्यकारिणी का विस्तार और मातृशक्ति को सम्मानित किया गया।इस अवसर पर प्रांत कार्यालय प्रमुख अजय गुप्ता भी मौजूद रहे।आपको बता दें

कुशल प्रशासक थी देवी अहिल्याबाई होलकर

देवी अहिल्याबाई ने कठिन परिस्थिति के उपरान्त भी उन्होंने 30 वर्ष तक कुशलता से साम्राज्य का संचालन किया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी स्वराज्य व उनकी कल्पनाओं के अनुरूप लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था को साकार रूप दिया।

100 से अधिक तीर्थ स्थलों पर धर्मशालाएं, अन्न क्षेत्र और जल संरचनाओं का निर्माण करवाया

विदेशी आक्रमणकारियों और मुगल साम्राज्य के कारण ध्वस्त हो चुके, भारत के तीर्थ स्थलों के पुनर्निर्माण करने के पीछे उनका उद्देश्य मात्र पुण्य लाभ प्राप्त करना ही नहीं, अपितु भारत की अस्मिता को पुनर्स्थापित करना था। वे मानती थी कि भारत की एकात्मता में तीर्थ यात्राओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है, किंतु तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं व सुरक्षा के अभाव के कारण देशभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या निरंतर घट रही थी। तीर्थ स्थल भी उजाड़ तथा वीरान हो चुके थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने देश के 100 से अधिक तीर्थ स्थलों पर धर्मशालाओं, अन्नक्षेत्रों तथा जल संरचनाओं का निर्माण करवाया। गुलामी के कारण दुर्दशा को प्राप्त काशी विश्वनाथ तथा सोमनाथ मंदिर का भी पुनरुद्धार उन्होंने करवाया। देवी अहिल्याबाई द्वारा करवाए गए इन निर्माणों को भारत के मानचित्र पर देखने पर हम उनकी अखिल भारतीय दृष्टि से परिचित होते हैं। यह तीर्थ स्थान दक्षिण में रामेश्वरम से लेकर उत्तर में केदारनाथ तक तथा पश्चिम में सोमनाथ से लेकर पूर्व में जगन्नाथपुरी तक देखने को मिलते हैं। इतनी बड़ी संख्या में इतने अधिक स्थानों पर और इतने बड़े क्षेत्र में करवाए गए निर्माण कार्य का यह विश्व में एकमात्र उदाहरण है।