भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन,सीएम धामी,विधायक प्रदीप बत्रा रहे मौजूद

देहरादून।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आज राज्यसभा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ ही कैबिनेट मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे। विदित है कि राज्य में राज्यसभा की एक सीट दो अप्रैल को खाली हो रही है। इस सीट के लिए गुरुवार नामांकन का अंतिम दिन है। ऐसे में महेंद्र भट्ट ने आज अपना नामांकन पत्र भरा,उन्होंने  सुबह 11 बजे विधानसभा स्थित चुनाव अधिकारी कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।आपको बता देंप्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा के लिए नामित कर भाजपा ने चुनावों से पहले बड़ा संकेत दे दिया है। शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले को नए चेहरों को तवज्जो के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल भाजपा राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करना चाहती है। इसके लिए शीर्ष नेतृत्व को किसी बड़े फैसले से भी गुरेज नहीं है। हाल में हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने इसी तरह के कड़े फैसले लेकर सभी को चौंका दिया था।

अब माना जा रहा है कि भट्ट को राज्यसभा भेजने का फैसला भी लोकसभा चुनावों के लिए एक संकेत है। भट्ट की उम्र अभी पचास के करीब है और उनकी अखिल भारतीय परिषद व युवा मोर्चा की पृष्ठभूमि रही है। इससे साफ है कि पार्टी युवा चेहरों को तवज्जो देकर एक नई व ऊर्जावान टीम खड़ी करना चाहती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस फैसले का असर अब लोकसभा चुनावों के टिकट वितरण पर भी दिख दे सकता है। वहां भी पार्टी नए व युवा चेहरों को तवज्जो दे सकती।

राज्यसभा के बारे में

  • भारतीय संसद दो सदनों में विभाजित है: लोकसभा और राज्यसभा।
  • राज्य सभा,  भारतीय संसद का ऊपरी सदन है।
  • इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त व्यक्ति भी शामिल हैं।
  • भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति के रूप में कार्य करते हैं, जबकि एक उपसभापति को इसके सदस्यों में से चुना जाता है। यदि सभापति अनुपस्थित है तो उपसभापति कार्यवाही की अध्यक्षता करता है।
  • राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ था और इसकी पहली बैठक 13 मई 1952 को हुई थी।

अधिकतम संख्या:

  • राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 है, जिसमें 238 निर्वाचित होते हैं, और 12 भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामांकित होते हैं।
  • राज्यसभा केवल दिल्ली और पुडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि उनकी अपनी विधानसभाएं हैं।
  • हालाँकि, जब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में एक निर्वाचित विधान सभा होगी, तो यह चार सदस्यों को राज्यसभा में भेजेगा।

कार्यकाल:

  • राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष का होता है, लेकिन यदि कोई सदस्य उप-चुनाव में चुना जाता है, तो वे रिक्त पद के शेष कार्यकाल के लिए कार्य करेंगे।

प्रत्येक दो वर्ष में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं।