हरिद्वार पहुंचे गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री:केंद्र सरकार की 9 साल की योजनाओं का किया बखान।सांसद निशंक,विधायक प्रदीप बत्रा रहे मौजूद।

हरिद्वार।धर्मनगरी हरिद्वार के दौरे पर आए गुजरात के पूर्व उप- मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने प्रेसवार्ता की।

धर्मनगरी हरिद्वार आए गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक पत्रकारों से रूबरू हुए।इस अवसर पर रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,सुरेश राठौर,रुड़की भाजपा ज़िलाअध्यक्ष शोभाराम प्रजापति मौजूद् रहे। केंद्र सरकार के 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम के तहत उनकी उपलब्धियों को गिनाया है। केंद्र सरकार के 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे।

गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने सेवा सुशासन और गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले देश की स्थिति ठीक नहीं थी और तब लग रहा था की देश फिर से ग़ुलाम हो जाएगा। लेकिन जब से देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली है तब से देश फिर से विश्व गुरु बनने की राह पर चल चुका है।

यह सरकार सबका साथ सबका विश्वास वाली सोच के साथ काम कर रही है। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचने का कार्य किया है। उन्होंने प्रेसवार्ता में मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि मोदी सरकार में 2023 तक 51461 गोल्डन कार्ड बनवाए गए हैं।आज भारत की वैश्विक पटल पर उभरती छवि और बेहतरीन तस्वीर सामने आ रही है तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और अटल इरादे से एक नये इतिहास के सृजन की ओर है। आज भारत विश्व के अग्रिम देशों के साथ नेतृत्वकर्ता की भूमिका में खड़ा है और देश आर्थिक, सैन्य, विज्ञान प्रोधोगिकी, कृषि सहित हर क्षेत्र में समृद्धि की ओर अग्रसर है।

आज आस्ट्रेलिया,  अमेरिका, यूरोप जैसे ताकतवर देशों का ‘मोदी इज द बॉस’ का संबोधन या ऑटोग्राफ मांगने जैसी स्थिति उनकी लोकप्रियता अथवा स्वीकार्यता को सहज स्वीकार कर रहे हैं। दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री,  विश्लेषक, विचारक- एक सुर में 21वीं सदी भारत की सदी बता रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ इच्छाशक्ति से भारत के समग्र विकास की रोशनी पूर्व से पश्चिम को रोशन कर रही है। कहा जा सकता है कि 7 दशकों से स्थायी विकासशील देश के टैग को हटाकर हम विकसित भारत के लिए निर्णायक रूप में आगे बढ़ गए हैं।

इसके अलावा दुनिया का प्रधानमंत्री मोदी को अपना लीडर मानने का एक और बड़ा कारण इन 9 वर्षों में राजनीति में विकासवाद और प्रशासन में मानवीय संवेदनाओं को महत्व देते हुए नए भारत का निर्माण होना है। मोदी ने राजनीति का नया सिद्धान्त ”डेमोक्रेसी केन डिलीवर” को गुजरात से देश और देश से दुनिया को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिखाया है।

यहां जब हम राजनीति में विकासवाद की बात करते हैं तो वो दुर्भाग्यपूर्ण दौर भी जेहन में उभरता है, जब देश में जातिवाद, क्षेत्रवाद, समुदाय विशेष के तुष्टिकरण, वोट बैंक व तात्कालिक लाभ के लिए सरकारें बनती और चलती थी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही है जिन्होंने विकास के विषय को राजनीति और प्रशासनिक मुख्यधारा में स्थापित किया है। जिसका परिणाम है कि देश मे चुनावी सभाओं, सार्वजनिक मंचों, मीडिया जगत एवं व्यक्तिगत चर्चाओं में जीडीपी, मुद्रास्फीति, व्यापारिक व औद्योगिक निवेश समेत तमाम आर्थिक विषय आज छाए रहते हैं।

पीएम मोदी के नेतृत्व में 140 करोड़ भारतवासियों के सामर्थ्य से इन 9 स्वर्णिम वर्षों में हम 200 साल देश पर राज करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व मे 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बने हैं। आर्थिक आंकड़ों में थोड़ा सा भी बदलाव देश में चर्चा का विषय बन जाता है और नागरिकों में आयी इसी जागरूकता का परिणाम है कि हम अपने पड़ोस के देशों और विश्व के हालातों पर पैनी नजर रखते हैं। यही वजह है कि नकारात्मक स्वभाव वाले तमाम लोग व संस्थाएं कुछ भी आरोप लगाए, लेकिन तुलनात्मक अध्ययन के बाद जनता को देश निरन्तर विकास पथ पर आगे बढ़ता नज़र आता है। आज दुनिया भी स्पष्ट स्वीकार कर रही है कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है।

2014 के बाद के वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी सरकारी मशीनरी एवं नीतिगत प्रक्रिया निर्माण की कार्यशैली में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सफल हुए हैं । उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि राजनीति के माध्यम से होने वाले काम सेवा के साथ ही परफॉरमेंस, नीतिगत बदलावों, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के लिए भी होनी चाहिए।

यही वजह है कि लोकप्रिय निर्णय लेने के बजाए नोटबन्दी, जीएसटी, सख्त कोविड गाइडलाइंस, तीन तलाक, डिजिटलाइजेशन, धारा 370 हटाने जैसे अनेकों कठिन निर्णय लिए, लेकिन राष्ट्र हित के तमाम अनिवार्य कदमों को उन्होंने उठाया। प्रधानमंत्री के दूरदृष्टि नेतृत्व एवं दृढ़ इच्छा शक्ति को लेकर देशवासियों के विश्वास और सहयोग का ही नतीजा है कि जब दुनिया मंदी का सामना कर रही है तब भारत में सबको अपना आर्थिक भविष्य नजर आता है।

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