मन की बात कार्यक्रम:विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा- “मन की बात’ से मिलती है प्रेरणा

रुड़की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम मन की बात कार्यक्रम के तहत देश को संबोधित किया गया। यह इस कार्यक्रम का 98वां संस्करण था। उनका यह रेडियो कार्यक्रम सुबह 11 बजे से ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो न्यूज और मोबाइल एप पर प्रसारित किया गया।

नगर विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम अपने परिवार के साथ बैठकर सुना गया।वहीं विधायक बत्रा के कैम्प कार्यालय पर भी मन की बात का प्रसारण कार्यकर्ताओं द्वारा सुना गया। मन की बात पर विधायक प्रदीप बत्रा ने  कहा आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री के मन की बात देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है।प्रधानमंत्री द्वारा आजादी के इस अमृत महोत्सव में एक ही संकल्प और एक ही साधना का मंत्र दिया जो है कर्तव्य। अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करना ही देश समाज के प्रति हमारा दायित्व है।।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ मनाएं होली।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज से कुछ दिन बाद ही होली का त्यौहार है। आप सभी को होली की शुभकामनाएं। हमें, हमारे त्योहार वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local)  के संकल्प के साथ ही मनाने हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘मन की बात’ को आप सभी ने जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है। आप अपने मन की शक्ति तो जानते ही हैं, वैसे ही, समाज की शक्ति से देश की शक्ति बढ़ती है, ये हमने ‘मन की बात’ के अलग-अलग एपिसोड में देखा है और अनुभव किया है और इसे स्वीकार भी किया है। Trending Videos

प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे वो दिन याद है, जब हमने ‘मन की बात’ में भारत के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन की बात की थी। तुरंत उस समय देश में एक लहर सी उठ गई भारतीय खेलों के जुड़ने की, इनमें रमने की, इन्हें सीखने की। मन की बात में जब भारतीय खिलौनों की बात हुई, तो देश के लोगों ने इसे हाथों-हाथ बढ़ावा दे दिया। अब तो भारतीय खिलौनों का इतना ज्यादा क्रेज हो गया है कि विदेशों में भी इनकी डिमांड बहुत बढ़ रही है। उन्होंने कहा, जब हमने स्टोरी टेलिंग की भारतीय विधाओं पर बात की, तो उनकी प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक पहुंच गई। लोग, ज्यादा से ज्यादा भारतीय स्टोरी टेलिंग की विधाओं की तरफ आकर्षित होने लगे।

ई-संजीवनी एप से मिला रहा लोगों को टेली-कंसल्टेशन
प्रधानमंत्री ने कहा, तेजी से आगे बढ़ते हमारे देश में डिजिटल इंडिया की ताकत कोने-कोने में पहुंच रही है। एक एप है ई-संजीवनी। इस एप से वीडियो क्रॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। इसके माध्यम से 10 करोड़ मरीज और डॉक्टर के साथ अद्भुत नाता है। इसकी उपलब्धि के लिए सभी डॉक्टरों व मरीजों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत के लोगों ने तकनीक को कैसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया है, यह इसका जीता जागता उदाहरण है। देश के सामान्य मानवी के लिए मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों के लिए ई-संजीवनी जीवन रक्षा का केंद्र बन रहा है। भारत के यूपीआई की ताकत भी आज जानते हैं। दुनिया के कई देश इसकी तरफ आकर्षित हैं। कुछ दिन पहले ही भारत और सिंगापुर के बीच पे नाऊ एप लॉन्च किया गया है। भारत का ई-संजीवनी हो या यूपीआई ये एज ऑफ लिविंग को बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हुए हैं।

युवाओं को सुनहरे अतीत से जोड़ने की जरूरत 
प्रधानमंत्री ने कहा, अमेरिका में रहने वाले श्रीमान कंचन बैनर्जी ने विरासत के संरक्षण से जुड़े ऐसे ही एक अभियान की तरफ मेरा ध्यान आकर्षित किया है।  मैं उनका अभिनंदन करता हूँ।  प्रधानमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के बांसबेरिया में इस महीने त्रिबेनी कुम्भो महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए, लेकिन क्या आज जानते हैं कि यह इतना विशेष क्यों है? क्योंकि इस प्रथा को 700 साल के बाद पुनर्जीवित किया गया है। मैं इस आयोजन से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं। आज सिर्फ एक परंपरा को ही जीवित नहीं कर रहे हैं, बल्कि भारतीय सांस्कृति विरासत की भी रक्षा कर रह रहे हैं। हमारे युवाओं को देश के सुनहरे अतीत से जोड़ने का यह बहुत सराहनीय प्रयास है। भारत में ऐसे कई रीति-रिवाज है, जिन्हें फिर से जीवित करने की आवश्यकता है। 

स्वच्छ भारत अभियान के बदल गए मायने 
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वच्छ भारत अभियान में हमारे देश में जन भागीदारी के मायने ही बदल दिए हैं। इस अभियान का एक महत्वपूर्ण आयाम वेस्ट टू वेल्थ। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले की एक बहन कमला मोहराना एक स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। इस समूह की महिलाएं दूध की थैली और दूसरी प्लास्टिक पैकिंग से टोकरी और मोबाइल स्टैंड जैसी कई चीजें बनाती हैं। ये इनके लिए स्वच्छता के साथ ही आमदनी का भी एक अच्छा जरिया बन रहा है। हम अगर ठान लें तो स्वच्छ भारत में अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं | कम-से-कम प्लास्टिक के बैग की जगह कपड़े के बैग का संकल्प तो हम सबको ही लेना चाहिए। आप देखेंगे, आपका ये संकल्प आपको कितना सन्तोष देगा, और दूसरे लोगों को जरूर प्रेरित करेगा।

वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ मनाएं होली 
पीएम मोदी ने कहा, हम देश की कर्मठता की जितनी चर्चा करते हैं, उतनी ही हमें ऊर्जा मिलती है | इसी ऊर्जा प्रवाह के साथ चलते-चलते आज हम ‘मन की बात’ के 98वें एपिसोड के मुकाम तक पहुँच गए हैं।आज से कुछ दिन बाद ही होली का त्यौहार है। आप सभी को होली की शुभकामनाएं। हमें, हमारे त्योहार वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local)  के संकल्प के साथ ही मनाने हैं।

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