विधायक प्रदीप बत्रा की मुहिम रंग लायी। सरकार द्वारा वृधा पेंशन नियमावली में बालिक पुत्र पौत्र की बाध्यता हुई समाप्त।विधायक बत्रा ने सदन में वृधा अवस्था पेन्शन को लेके उठाया था मुद्दा।

रुड़की।विधायक प्रदीप बत्रा की मुहिम रंग लायी। सरकार द्वारा वृधा पेंशन नियमावली में बालिक पुत्र पौत्र की बाध्यता हुई समाप्त।विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन में वृधा अवस्था पेन्शन को लेके उठाया था मुद्दा।नये नियम के अनुसार अब “वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत वे लाभार्थी भी पेंशन के पात्र होंगे जिनके पुत्र / पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हों, किन्तु वे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहें हो तथा ऐसे पात्र लाभार्थी जिनके पुत्र / पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हो तथा उनकी सभी स्रोतों से परिवार की मासिक आय रु० 4000/- तक हो” संशोधन किया जाता है।

आपको बता दें बजट सत्र के दौरान 15 जून को विधानसभा में विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा वृधा अवस्था पेन्शन को लेके इससे सम्बंधित मंत्री चंदन रामदास से महत्वपूर्ण प्रश्न किया था। विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन में समाज कल्याण मंत्री से पूछा था क्या उत्तराखंड में ऐसा कोई मानक है के वृधा अवस्था पेन्शन के पात्र वो ही होंगे जिनका बच्चा बालिक नहीं है।जिनके बच्चे बालिक है उनको पेन्शन का लाभ नहीं मिलेगा?? इस पर मंत्री ने सम्बंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा था की ये मानक पहले से तय थे इसलिए कुछ लोग लाभ से छूट गए थे इसलिए हम वित्तीय प्रबंधन कर रहे हैं और वेधिक रूप से इस कार्यक्रम की कार्यवाही गतिवाध है।

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