रुड़की में शोपीस बनी लाखों की ट्रैफिक लाइट।विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन में उठाया मुद्दा।

देहरादून। रुड़की को ग्रीन सिटी और क्लीन सिटी (Green City And Clean City) बनाने का नारा भले ही दिया जा रहा हो लेकिन इसकी सबसे बड़ी बानगी शहर में 7 चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों (Traffic Lights) को देखने से ही मिल जाएगा. शिक्षानगरी के तौर पर मशहूर रुड़की में ट्रैफिक सिस्टम एकदम अव्यवस्थित है. शहर की सड़कों पर लगी ट्रैफिक लाइट सालों से बदहाल हैं लेकिन उन्हें ठीक करने की फुरसत यहां के नगर निगम में किसी के पास नहीं है. हालत ये ही कि लाइटों पर धूल की मोटी-मोटी परत जम चुकी है लेकिन देखने वाला कोई नहीं है.

साल 2016 में नगर निगम ने रुड़की के सात चौराहों पर 67 लाख रुपये की लागत से ट्रैफिक लाइट लगाई गई थी. जो अब मात्र शोपीस बनकर रह गई हैं. जिसके रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस की है लेकिन ट्रैफिक लाइटों को बदहाल स्थिति में छोड़कर उन्हें देखने वाला कोई नही हैं. ट्रैफिक लाइटों पर धूल की मोटी परत जम चुकी है। आज नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने विधानसभा सदन में ये मुद्दा उठाया।उन्होंने नियम 300 के अंर्तगत सूचना एवं वक्तव्य की माँग की,उन्होंने कहा आपके संज्ञान में लाना है कि रूडकी शहर से 2 नेशनल हाईवें (72 व 58) होकर गुजरते है। जिसमें ट्रैफिक के संचालन हेतु कई वर्षो से ट्रैफिक लाईटें खराब अवस्था में पड़ी हुई है। परन्तु आज तक उनका संचालन नगर निगम रूडकी द्वारा नही किया गया है। जिस कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त है।

महोदय, रूडकी शहर की ट्रैफिक लाईटों की संचालन व्यवस्था एंव रखरखाव का कार्य तत्काल प्रभाव से नगर निगम रूडकी द्वारा सुचारू रूप से किया जाए जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर नियंत्रण हो सकें।

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