रुड़की:दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु सामाजिक अधिकारिता शिविर का हुआ आयोजन,सांसद त्रिवेंद्र रावत,विधायक प्रदीप बत्रा ने सहायक उपकरणों का किया वितरण

रुड़की।केन्‍द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय,दिव्यांगजन विभाग द्वारा में ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ दिव्यांगजन हेतु एडिप योजना के अंतर्गत निशुल्क सहायक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन खंड विकास अधियकारी कार्यालय परिसर रुड़की में आयोजन किया गया।हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिविर का उद्घाटन किया।

यह कार्यक्रम पहले से पहचाने गए 157 दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों के सहायक उपकरण वितरित करने के लिए आयोजित किया गया है। यह शिविर दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरणों की ख़रीद या फ़िटिंग के लिए दी जाने वाली सहायता (एडिप ) योजना का हिस्सा है, जो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत आता है।

इस कार्यक्रम में सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत,रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा,जिलाध्यक्ष मधु सिंह,ब्लॉक अध्यक्ष लुबना राव मौजूद रहे । यह पहल दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के प्रति केन्‍द्र सरकार की प्रतिबद्धता और दिव्यांग व्यक्तियों को समान अवसर प्रदान करने के प्रयासों की पुष्टि करती है, जिससे उन्हें उपयोगी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलती है।

वितरित किए जाने वाले सहायक उपकरणों में मोटर चालित तिपहिया वाहन, हाथ से चलने वाले तिपहिया वाहन, फोल्डिंग व्हीलचेयर, वॉकर, वॉकिंग स्टिक, ब्रेल किट, रोलेटर, कान के पीछे (बी.टी.ई.) लगने वाले श्रवण यंत्र, सी.पी. कुर्सियाँ, सेंसर आधारित इलेक्ट्रॉनिक सुगम्य छड़ियाँ, स्मार्टफोन, ब्रेल किट और कृत्रिम अंग और कैलीपर शामिल हुए । इन उपकरणों का उद्देश्य लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर सशक्त बनाना है।दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) इस शिविर का आयोजन किया ।इस अवसर पर सांसद रावत ने कहा इन शिविरों का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन अनेक बार वे संसाधनों और जानकारी के अभाव में पीछे रह जाते हैं। ऐसे में यह शिविर उनके लिए आशा की किरण साबित होते हैं। इन शिविरों में दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, स्मार्ट केन, कृत्रिम अंग आदि निःशुल्क या रियायती दरों पर वितरित किए जाते हैं।