Uttarakhand Budget 2025 : धामी सरकार ने 101175 करोड़ का बजट किया पेश।कृषि,ऊर्जा,पर्यटन पर ज़ोर।विधायक प्रदीप बत्रा ने बजट को आदर्श उत्तराखण्ड’ की संकल्पना को साकार करने वाला बताया।

रुड़की।उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह बजट 1,01,175 करोड़ का है। इस बजट में कृषि, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, आयुष, कृषि और पर्यटन जैसे सात मुख्य क्षेत्रों पर ज़ोर दिया गया है। सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री ने उत्तराखंड के निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को याद करते हुए कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के रास्ते पर चल रहा है।उन्होंने आगे कहा कि यह बजट राज्य की आर्थिक दिशा और नीतियों को दर्शाता है। यह बजट ₹1,01,175 करोड़ का है, जो पिछले बजट से काफ़ी ज़्यादा है। इस बढ़ोतरी से राज्य में विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। सरकार ने 7 प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित किया है जिन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इनमें कृषि, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, कनेक्टिविटी, आयुष, कृषि और पर्यटन शामिल हैं।

कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की जाएंगी। ऊर्जा क्षेत्र में बिजली उत्पादन बढ़ाने और सभी को बिजली पहुँचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से सड़क, पुल और अन्य ज़रूरी सुविधाएं बेहतर होंगी। कनेक्टिविटी बढ़ाने से राज्य के दूर-दराज़ के इलाकों का विकास होगा। आयुष और पर्यटन को बढ़ावा देकर रोज़गार के नए अवसर पैदा किए जाएँगे। इस बजट से उत्तराखंड के विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। सरकार ने विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

उत्तराखंड बजट: सात बिंदुओं पर फोकस

-कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि व पर्यटन

-एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़,

-मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़,

-स्टार्टअप उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए 30 करोड़ का प्रावधान

 

मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़

मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़।
जमरानी बांध के लिए 625 करोड़।
सौंग बांध के लिए 75 करोड़।
लखवाड़ के लिए 285 करोड़।
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़।
जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़।
नगर पेयजल के लिए 100 करोड़।
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए 60 करोड़।
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए 08 करोड़ मिलेंगे।

नई सड़कें बनेंगी

-220 किमी नई सड़कें बनेंगी।
-1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण,
-1550 किमी मार्ग नवीनीकरण,
-1200 किमी सड़क सुरक्षा कार्य
-37 पुल बनाने का लक्ष्य