गुरुद्वारा श्री कलीधर साहिब जी के 61 वे स्थापना दिवस और बंदी छोड़ दिवस पर कीर्तन का आयोजन।

रुड़की।रामनगर स्थित गुरुद्वारा श्री कलीधर साहिब जी में बंदी छोड़ दिवस धूमधाम से मनाया गया।गुरुद्वारा साहिब जी के 61 वे स्थापना दिवस और बंदी छोड़ दिवस मनाया गया। देसी घी से की जाती है दीपमाला।इस अवसर पर नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने भी गुरुद्वारे में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर दीपमाला के साथ कथा कीर्तन का आयोजन किया गया।ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री कलीधर साहिब जी में बंदी छोड़ दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर वर्ष गुरु हरगोबिंद की कैद से रिहार्ई के पलों की यादों के रूप में ये दिवस मनाया जाता है।रामनगर गुरुद्वारा साहिब  में कीर्तन का आयोजन हो रहा है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से संगतें पहुंचती हैं। इस खास दिवस पर देसी घी से दीपमाला की जाती है।बता दें कि आज के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद साहिब महाराज ने ग्वालियर के किले से 52 अन्य बंदी राजाओं को जहांगीर की कैद से छुड़वाया था। इस घटना को स्वतंत्रता, भाईचारे व न्याय के प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर ने बताया कि आज के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह महाराज ग्वालियर के किले से बंदी राजाओं को रिहा करवा कर गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब अमृतसर पहुंचे थे। उनके यहां पहुंचने पर संगतों ने दीपमाला की और आज का विशेष दिवस मनाया गया। उसी समय से लेकर सिख धर्म में बंदी छोड़ दिवस प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। गुरुद्वारों में संंगतें पहुंचती हैं। देसी घी के दीपक जलाए जाते हैं।गुरुद्वारा श्री कलीधर साहिब जी में भी कीर्तन एवं ढाडी दरबार आयोजन चल रहा है। इसमें विभिन्न राज्यों से संगते-श्रद्धालु पहुंचे हैं।