
रुड़की।आज नगर विधायक प्रदीप बत्रा बी कैम्प कार्यालय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 113 वा एपिसोड सुना गया।
पीएम मोदी ने रविवार सुबह मन की बात कार्यक्रम में स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म और हर घर तिरंगा अभियान की सफलता पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह मन की बात के 113वें एपिसोड में कहा- परिवारवादी राजनीति नई प्रतिभाओं को दमन करती है। मैंने इस साल लालकिले से बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले 1 लाख लोगों को पॉलिटिकल सिस्टम से जोड़ने की बात कही थी।
इससे पता चला कि हमारे युवा राजनीति में आना चाहते हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है। लोगों ने मुझे बताया कि उनके लिए पॉलिटिक्स में आना बहुत सौभाग्य की बात होगी। मुझे उम्मीद है कि अब हमारे सामूहिक प्रयास से ऐसे युवा जिनका कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है, वे भी पॉलिटिक्स में आएंगे।
स्वतंत्रता संग्राम के समय भी बिना पॉलिटिकल बैक्रगाउंड के कई लोग राजनीति में आए थे। मैं अपने सभी युवा साथियों से कहूंगा कि पॉलिटिक्स में आएं। इससे देश बदलेगा। मोदी ने आगे कहा- 23 अगस्त को हमने नेशनल स्पेस डे मनाया। हमने चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया। युवाओं को स्पेस सेक्टर रिफॉर्म से फायदा हुआ है।
मोदी की स्पीच की 4 बड़ी बातें…
- 21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे, इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला नेशनल स्पेस डे मनाया। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति पॉइंट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।
- हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा – स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया। इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही तो ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ है।
- असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं ‘हूलॉक गिबन’, जिन्हें यहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है। हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है। इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों।
- पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं। अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया है – जानते हैं क्यों? क्योंकि वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D प्रिंटिंग करती है।